गो कथा का समापन आज, भक्ति गीतों पर झूमे भक्त
उदयपुर . टाउनहॉल परिसर में गो नन्दी कृपा कथा में संत गोपालानंद सरस्वती ने कहा कि देसी गाय का मूत्र औषधीय गुणों की खान है। गोमूत्र में 5100 प्रकार के तत्व होते हैं, जो गम्भीर रोगों से लडऩे में सहायक है। कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी का भी गो मूत्र से उपचार किया जा सकता है। कन्यादान आज कल कन्यादान नहीं बल्कि सोफा दान, कूलर दान बन गया है। पौराणिक काल में कन्यादान में गोदान किया जाता था, जिससे बेटी अपने कुल के साथ जिस कुल में जाए, उसका भी उद्धार करती है। अब कन्यादान का धार्मिक महत्व शून्य मात्र होकर दिखावा रह गया है।
संत ने कहा कि जब कोई कन्या के बदले दहेज मांगता हो तो उसको भरी सभा में भिखारी कहकर घर से बाहर निकालना। अगर आपको कन्यादान देना हो तो गोदान देना चाहिए। कन्या अपने साथ गाय ले जाएगी तो वह सुखी रहेगी। लक्ष्मी की तरह वह नए घर में प्रवेश करेगी। विवाह के लिए गोधूलि वेला का मुहूर्त सबसे अच्छा रहता है। गोधूलि वेला में गायों के चलने से संध्या काल में धूल उड़ती है, जो वातावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। इसीलिए गोधूलि वेला के समय ही विवाह जैसे शुभ कार्य होने चाहिए।
सूर्योदय से पहले उठें। स्नानादि करके 3 लौटे पानी अर्पित करें। एक सूर्यदेव, दूसरा महादेव और तीसरा अपने पूर्वज देव के नाम जल अर्पण करें। उसके बाद गाय की पूंछ पकड़कर ध्यान करें। जीवन की तकलीफें दूर करनी है तो गो माता और तुलसी से संभव है। कथा महोत्सव में राजसमन्द, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में भक्तों की भागीदारी रही।
गो एवं पर्यावरण रथयात्रा
सात दिवसीय गो कथा का समापन शनिवार को होगा। गो एवं पर्यावरण रथयात्रा का शनिवार शाम 6 बजे टाउनहॉल से प्रस्थान होगा। ग्राम पंचायत देबारी में स्वागत किया जाएगा। चारभुजा मंदिर स्थित प्रांगण में प्रवचन होगा। आयोजन में ग्रामीणों की भागीदारी रहेगी। महिलाएं कलश लेकर आयोजन में शामिल होगी।
इनकी रही भागीदारी
मीडिया प्रभारी नीलेश भण्डारी ने बताया कि शुक्रवार को कैलाश साहू, नरेंद्र कुमार सोनी, शंकरसिंह गूलर, राजमल तेली, भंवर तारावत, प्रताप साहू आरती में शामिल हुए। आयोजन समिति के दिनेश भट्ट, बंशीलाल कुम्हार, प्रकाश अग्रवाल, कैलाश राजपुरोहित, बद्रीसिंह राजपुरोहित, मदन सुहालका, सम्पत माहेश्वरी, देवेंद्र साहू, मोहन साहू, श्याम साहू, प्रफुल्ल श्रीमाली, मोहन डांगी, ओमप्रकाश राठौर, अजीत शर्मा, नीतूराज सिंह, शंकर जाट मौजूद रहे।