हल्दीघाटी में वृहद स्तर पर मनेगी प्रताप जयंती, सरकार ने समारोह को भव्य बनाने का बीड़ा उठाया, मांगा खर्च का ब्योरा, पर्यटन विभाग ने सरकार को भेजा अनुमानित बजट
मानवेंद्रसिंह राठौड़/उदयपुर. महाराणा प्रताप की रणस्थली हल्दीघाटी में कुंभलगढ़ की तर्ज पर पहली बार प्रताप जयंती सरकारी स्तर पर मनाई जाएगी। आयोजन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि यह समारोह कितने दिन का होगा। आयोजन में करीब साढ़े 22 लाख रुपए का अनुमानित खर्च आएगा। राज्य पर्यटन विभाग ने इसके लिए पर्यटन विभाग उदयपुर से जयंती पर होने वाले खर्च के बजट का प्रस्ताव मांगा है।
अब तक खमनोर पंस करती रही है खर्च वहन
गौरतलब है कि अब तक प्रतिवर्ष खमनोर पंचायत समिति की ओर से स्थानीय स्तर पर ही प्रताप जयंती पर खर्च वहन किया जाता रहा है। पर्यटन विभाग सिर्फ एक लाख रुपए तक का ही आर्थिक सहयोग करता रहा है। इस बार सरकार ने समारोह को भव्य बनाने का बीड़ा उठाया है। इसी के तहत विभाग ने जयंती पर होने वाले खर्च का विस्तृत ब्योरा मांगा है।
इतनी राशि का बजट
पर्यटन विभाग ने ऊंट, घोड़े, हाथी, बैण्ड बग्गी, राजस्थानी कलाकारों के साथ आकर्षक शोभायात्रा निकालने के लिए करीब 40 हजार रुपए के खर्च का बजट बनाया है। इसी तरह राजस्थानी कलाकारों की भव्य प्रस्तुति के लिए 60 हजार, रोशनी के लिए 90 हजार, साउण्ड के लिए 80 हजार, स्टेज व लाइट व्यवस्था के लिए 70 हजार, टेन्ट व्यवस्था के लिए 1 लाख 50 हजार, यातायात व्यवस्था के लिए 70 हजार, फोटो एवं वीडियोग्राफी के लिए 50 हजार, फ्लेक्स, बैनर व होर्डिंग के लिए एक लाख, पोस्टर, पेम्पलेट व निमंत्रण पत्र के लिए 70 हजार, फ्लावर डेकोरेशन के लिए 50 हजार, अन्य खर्च के लिए 60 हजार, मोमेंटो के लिए 60 हजार, चित्रकला एवं ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता व आवास व्यवस्था के लिए 1-1 लाख रुपए का अनुमानित खर्च बताया है।
इनका कहना है..
राज्य सरकार ने पहली बार सरकारी स्तर पर इस बार प्रताप जयंती भव्य रूप से मनाने का मानस बनाया है। पर्यटन मंत्री ने इसके लिए विशेष रुचि ली है। उन्हीं के निर्देश पर जयंती पर होने वाले खर्च का ब्योरा मांगा गया है, जो विभाग के निदेशक को भिजवा दिया है। समारोह कितने दिन का होगा फिलहाल इसके अभी यह तय नहीं हुआ है। यह तय है कि कुंभलगढ़ की तर्ज पर ही प्रताप जयंती समारोह होगा।
-शिखा सक्सेना, पर्यटन उपनिदेशक