आरटीइ में मुफ्त शिक्षा : अगर नए वार्ड में चला गया है स्कूल, तो उसी वार्ड के निवासियों को मिलेगा फायदा
उदयपुर. नए परिसीमन के बाद शहर और ग्राम पंचायतों में बदले वार्डों की भौगोलिक स्थिति की तलवार निर्धन वर्ग के बच्चों की मुफ्त शिक्षा पर चल गई है। अगर स्कूल की भौगोलिक स्थिति बदलने के बाद वह नए वार्ड में चला गया है, तो उसी वार्ड के बच्चों को प्रवेश मिलेगा। हालांकि कई जगह निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिलों को लेकर असमंजस भी छाया हुआ है।
पिछले साल नवम्बर में हुए स्थानीय निकाय चुनाव और इस वर्ष जनवरी के आखिरी हफ्ते में पंचायत चुनाव हुए थे। इन चुनावों को लेकर संख्या बढ़ाने के निर्वाचन विभाग के निर्देश पर राज्यभर में सैकडों वार्ड बदल दिए गए थे। पिछले साल अकेले उदयपुर शहर में ही वार्डों की संख्या 55 से बढ़कर 70 कर दी गई थी। ग्रामीण इलाकों में तो कई बस्तियां और परिवार वार्ड के अलावा दूसरी ग्राम पंचायतों तक में शामिल हो गए। शुरुआत में संशय की स्थिति बनी कि आरक्षित सीटों की तुलना में अधिक आवेदन आने की स्थिति में छंटनी के दौरान प्राथमिकता किसे मिलेगी? इसे दूर करते हुए शिक्षा विभाग ने साफ कर दिया है कि स्कूल जिस वार्ड में है, उसी के निवासी निर्धन परिवार के बच्चे को प्रवेश दिया जाएगा। हालांकि इससे वे बच्चे प्रभावित नहीं होंगे, जो पिछले साल तक आरटीइ के तहत दाखिला ले चुके हैं।
– पोर्टल पर अपडेट किए वार्ड
चूंकि अब प्रवेश प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो सकती है, लिहाजा शिक्षा विभाग ने इसके लिए पोर्टल खोलकर निजी स्कूलों को बदले गए वार्ड की जानकारी अपडेट करने को कहा था। गत 23 फरवरी को इसे बंद कर दिया गया। जिन निजी स्कूलों ने जानकारी अपडेट नहीं की, उनमें प्रवेशित विद्यार्थियों की वैद्यता पर संकट बना रहेगा। आवेदन के बाद विभाग की ओर से उनका भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
—–फैक्ट फाइल—–
1060 निजी स्कूल हैं उदयपुर जिले में
25 प्रतिशत सीटें आरक्षित होती हैं आरटीइ में कक्षा 1-8 तक की
07 ग्राम पंचायतों का परिसीमन हुआ राजसमंद जिले में
100 पंचायतों की भागौलिक स्थिति बदली उदयपुर जिले में
73 ग्राम पंचायतों का गठन हुआ था बांसवाड़ा में जिले में
61 पंचायतें नई बनी हैं डूंगरपुर जिले में
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असमंजस की कोई स्थिति नहीं है। जिस वार्ड में स्कूल होगा, उसी के निवासी बच्चे को प्रवेश मिलेगा। कई जगह केवल वार्ड के नम्बर बदले, स्कूल की मौका-स्थिति वही है। जहां स्कूल दूसरे वार्ड में चला गया है, वहां पहले के वार्ड से आवेदन नहीं हो सकेंगे।
हरीश पालीवाल, एपीसी, आरटीइ