पत्रिका की खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि नियम-कायदे बने
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. विधानसभा में गुरुवार को उदयपुर की पिछोला झील में अवैध रूप से नाव संचालन एवं बिना स्वीकृति लगी जेटियों का मुद्दा उठा। ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने सदन में आरोप लगाते हुए कहा कि अफसरों की मेहरबानी से झीलों में मनमर्जी चल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार नियम-कायदे बनाए और झीलों को बचाए। मीणा ने ने कहा कि पत्रिका ने खुलासा किया तो पोल खुली बाकी अफसरों ने आंखे मूंद रखी थी।
पर्ची के माध्यम से बोलते हुए मीणा ने कहा कि उदयपुर को झीलों की नगरी के रूप में जाना जाता है और अगर झीलों की सार-संभाल नहीं होगी तो कौन उदयपुर आना चाहेगा। मीणा ने कहा कि पिछोला झील में नावों व जेटियों को लेकर कोई नियम कायदे नहीं है। वहां होटल वालों ने नाव संचालन व जेटियों के लिए अलग-अलग विभागों से एनओसी ले ली और उसे ही लाईसेंस मान बैठे, वहां पर अवैध रूप से नावों का संचालन हो रहा है। जेटियां भी अवैध बनी हुई है। मीणा ने कहा कि बड़ी बात यह है कि झील का मालिक नगर निगम है जिसकी स्वीकृति के बिना ही जेटियां बन गई। यह भी सामने आया कि जयपुर से मंजूरी दे दी जाती है, होटल वालों पर आईएएस अफसरों की मेहरबानी है। सदन में बोलते हुए विधायक ने कहा कि झीलों के पास एक कमरा बनाने के लिए स्वीकृति नहीं मिलती है, जयपुर से अफसरों से होटलें मंजूरी दे देते है। मीणा ने कहा कि पिछले दिनों राजस्थान पत्रिका ने खुलाया किया कि बोट में शराब पार्टी हो रही है, कोई लाइसेंस नहीं था, कुछ जेटियां मनमर्जी से झीलों में खड़ी कर दी है। पत्रिका की खबर के बाद जांच हुई तो सामने आया कि कुछ नाव व जेटियों को सीज किया गया है। इस खुलासे से पोल खुली है, अफसरों ने आंखे बंद कर रखी थी। उन्होंने कहा कि जिनको सीज किया गया उनको झील से बाहर निकाला तक नहीं, लगता है कि प्रशासन मदद कर रहा है। केन्द्र सरकार की योजना में जेटी लगाई लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा है।
सुखाडिय़ा में 235 तो एमपीयूएटी में 839 पद खाली
मावली विधायक धर्मनारायण जोशी के उदयपुर के मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि एवं महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि में रिक्त पदों के सवाल पर सरकार ने बताया कि सुखाडिय़ा विवि में शैक्षणिक संवर्ग के 63 एवं अशैक्षणिक संगर्व के 172 पद रिक्त है। सुविवि के संघटक महाविद्यालयों में शैक्षणिक कार्य के लिए गेस्ट फैकल्टी के तहत 364 जने तो अशैक्षणिक कार्यों के लिए 255 कार्यरत अनुबंधित कर्मचारी कार्यरत है।
इसी प्रकार कृषि विवि में शैक्षणिक संवर्ग के 319 एवं अशैक्षणिक संवर्ग के 520 पद रिक्त है। विवि में अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं दी गई है पर कार्मिक विभाग के परिपत्र के अनुसार समेकित वेतन पर 21 सेवानिवृत शिक्षकों को अगस्त 2019 व उसके बाद रखा गया है, दिसम्बर 2019 से 265 सेवानिवृत कर्मचारियों को रखा गया है।
उदयपुर में आरटीई में प्रवेश न देने की कोई शिकायत नहीं
विस में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत उदयपुर शहर में 2013-14 से अब तक 25 प्रतिशत कोटे में बालक-बालिकाओं के नामंाकन व सरकारी सहायता को लेकर सवाल किया। जवाब में सरकार ने कहा कि अब तक 25 प्रतिशत कोटे के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश दिया गया। सरकार ने यह भी कहा कि निजी स्कूलों की ओर से प्रवेश न देने संबंधित कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।