इस बार की जनगणना में संकलित होगी आपकी जिन्दगी से जुड़ी हर जानकारी, कुल 34 बिन्दुओं पर आधारित होगी इस दशक की जनगणना, देशभर में 15 लाख युवाओं के जरिये सवा अरब लोगों के डेटा ऑनलाइन फीड किए जाएंगे
उदयपुर. आपके घर पीने का पानी कहां से आता है? नल है, हैण्डपम्प या झरने से पीते हैं? घर की छत है या नहीं? है तो बांस की बनी है या सीमेंट की? दीवार पर मिट्टी का लेपन, पक्की ईंटें या सीमेंट का इस्तेमाल हुआ? खाना किस पर पकाते हैं मिट्टी का चूल्हा है या गैस इस्तेमाल करते हैं? फोन लैंडलाइन है या मोबाइल-स्मार्टफोन उपयोग में लेते हैं?
यह तमाम जानकारी इस दशक की आगामी एक अप्रेल से शुरू हो रही ‘भारत की जनजगणना-2021Ó के तहत हर परिवार से मांगी जाएगी। इस काम के लिए देशभर में करीब 15 लाख प्रशिक्षित युवाओं को अनुबंधित एजेंसियों के जरिये डेटा संग्रहण का काम सौंपा जाएगा। घर-घर जाकर गणक ऑनलाइन डेटा फीडिंग करेंगे। इसके लिए अलग-अलग प्रशिक्षण के चरण चल रहे हैं। पहली बार इस तरह की हाइटेक जनगणना हो रही है, जिसमें संग्रहित डेटा भविष्य की कई तरह की सरकारी नीतियों को तय करने में काम आएंगे। गणना के आंकड़ों और जानकारियों के आधार पर भारत में लोगों की आर्थिक स्थिति, जीवन की गुणवत्ता, स्वास्थ्य-शिक्षा और अन्य सुविधाओं का विविधि सूचकांक के आधार पर आकलन हो सकेगा।
– 34 सवालों का है फॉर्मेट
गणकों को ऑनलाइन फीडिंग के लिए दिए गए प्रपत्र में कुल 34 सवाल हर परिवार से किए जाएंगे। इनमें घर के फर्श, दीवार, छत, मकान, पेयजल स्रोत, शौचालय के प्रकार, रसाई गैस की उपलब्धता खाना पकाने में प्रयुक्त ईंधन, टेलीफोन व मोबाइल, वाहन आदि से सम्बंधित कुल दस बिन्दुओं पर काफी विस्तृत जानकारी मांगी जाएगी।
– यह भी देनी होगी जानकारी
फॉर्मेट में क्रम संख्या दो से आठ तक मकान-इमारत से सम्बंधित, नौ से 11 तक परिवार के बारे में, 12 से 16 तक मकान का स्वामित्व, संस्थागत परिवारों, वैवाहिक स्थिति, सदस्यों की जाति-लिंग से सम्बंधित, 18 से 25 तक बिजली, पानी, रोशनी, शौचालय, गंदे पानी की निकासी, स्नानघर, 26 से 30 तक रेडियो-ट्रांजिस्टर, टेलीविजन, मोबाइल, कम्प्यूटर-लैपटॉप, इंटरनेट सुविधा के बारे में, 31 एवं 32 उपयोग में लाए जा रहे वाहनों तथा 33 क्रमांक पर परिवार के सदस्यों द्वारा उपयोग में ली जा रही बैंकिंग सेवाओं और आखिरी कॉलम में मोबाइल नम्बर बताने होंगे।
– सरकार की अपील, देशहित में दें सही और पूरी जानकारी
सरकार और कलक्टरों के माध्यम से आमजन से गणना को लेकर अपील भी की जा रही है कि वे देशहित में सभी सही और पूरी जानकारी दें, ताकि सरकार इन्हीं के आधार पर सरकार भविष्य की जनकल्याणकारी योजनाओं की दशा-दिशा तय कर सकें।