पिता परदेस गए, मां पर घर की जिम्मेदारी
उदयपुर. फलासिया. फलासिया पंचायत समिति के सोम आईटी सेन्टर पर 15 दिन का कुपोषण निवारण शिविर आयोजित किया जा रहा है। यहां 44 बच्चों की कुपोषण जांच की। इनमें से 3 बच्चों को उदयपुर के गीताजंलि अस्पताल रेफर किया। सोम में 3 दिन से चल रहे कुपोषण निवारण शिविर में भामटी गरणवास की 8 माह 15 दिन की काउडी लाई गई। उसका पिता शान्तिलाल भगोरा गुजरात में मजदूरी करता है। कुछ दिन पहले काउड़ी को बुखार भी आया था। घर वालों ने ध्यान नही दिया। उसको शिविर में लाने के लिए स्थानीय आशा सहयोगिनी व सोम चिकित्सा अधिकारी नेकीराम गढवाल तीन दिनो से प्रयास कर रहे थे कई बार उसके घर जाने के बाद भी बच्ची को सेन्टर पर नही लाया गया। कारण सिर्फ इतना था कि पिता गुजरात मजदूरी करता है। मां शिविर में आई तो घर का काम कौन सम्भालेगा। चिकित्सा विभाग व आशा के प्रयास से बच्ची को दादाजी के साथ शिविर स्थल पर लाया गया। सोम पीएचसी के डॉ. नेकीराम गढवाल ने बताया कि जांच में काउडी का हिमोग्लोबिन मात्र 2.9 ग्राम था। उसके पेट में तिल्ली भी बढ़ी हुई थी। बच्ची को उसके दादाजी व मां के साथ 104 एम्बुलेन्स से रेफर किया गया। वहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। अगर कलक्टर का दबाव नही होता तो विभाग के अधिकारी कर्मचारी परिवार पर दबाव नही बनाते। ऐसे में एक पिता अपनी फूल सी बेटी को हमेशा के लिए खो सकता था।