नगर निगम की निर्माण समिति की बैठक, सालाना ठेके की प्रक्रिया बदलेगी
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. नगर निगम निर्माण समिति की गुरुवार को समिति अध्यक्ष ताराचंद जैन की अध्यक्षता में मैराथन बैठक हुई। बैठक के सर्वप्रथम सभी कनिष्ठ अभियंताओं से अपने अपने क्षेत्र में चल रहे पेच वर्क कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की गई। कई स्थानों पर कार्य बहुत ही मंद गति से करवाया जाना पाया गया जिस पर समिति अध्यक्ष ने रोष जताते हुए सभी को कार्य जल्द से जल्द पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। बैठक में जैन ने कहा कि हमारी लापरवाही के कारण आमजन को किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए इसलिए पेज वर्क का कार्य जल्दी से जल्दी पूरा करने का लक्ष्य रखना है। समिति सदस्य मनोहर चौधरी द्वारा संज्ञान में लाया गया कि वर्तमान में निगम द्वारा केवल एक एआरसी ठेकेदार के साथ अनुबंध किया हुआ है जिसके द्वारा पूरे शहर में एक साथ सभी 70 वार्ड में एक साथ पेज वर्क का कार्य करवाना संभव नहीं है। इसलिए भविष्य में कम से कम दो या तीन एआरसी ठेकेदारों को कार्य बांटने का प्रस्ताव रखा, साथ ही बैठक में पार्षद राकेश जैन द्वारा सुखाडिया सर्कल एवं साइफन चौराहे के आसपास यूरिनल लगवाने के आवश्यकता रखी जिस पर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। बैठक में एसई अधिकारी मुकेश पुजारी द्वारा संज्ञान में लाया गया कि वर्तमान में शहर में 35 यूरिनल अलग-अलग स्थानों को चिन्हित कर लगवा दिए गए हैं एवं वार्ड पार्षद से संपर्क कर और भी लगवाने का कार्य प्रगति रत है। बैठक में जैन ने शहर के मुख्य पर्यटन स्थल जगदीश चौक, रंग निवास , चांदपोल, घंटाघर, हाथी पोल आदि स्थानों पर जल्द से जल्द पेच वर्क एवं अन्य वर्ग करवाने के निर्देश दिए जिससे उदयपुर शहर में आने वाले देसी व विदेशी पर्यटकों को किसी प्रकार की समस्या ना हो।
स्मार्ट सिटी के कार्यों का भी हो निरीक्षण
बैठक में महापौर एवं समिति अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्मार्ट सिटी के अंतर्गत हो रहे कार्यों भी निरंतर निरीक्षण किया जावे जिससे चल रहे कार्यों की पूरी गुणवत्ता का पता लगाया जा सके। बैठक में आरयूआईडीपी द्वारा करवाए जा रहे कार्यों की गुणवत्ता को लेकर समिति सदस्यों द्वारा असंतोष प्रकट किया गया। समिति सदस्य चौधरी ने भारी मन से बताया कि कुछ समय पहले इनके द्वारा किए जा रहे कार्यों का अवलोकन भी किया था एवं गुणवत्ता को लेकर इनको निर्देश भी जारी किए गए थे फिर भी इनके द्वारा आसंतोषप्रद पूर्ण कार्य किया जा रहा है इस शिकायत पर महापौर ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस देकर करवाई करने के निर्देश दिए।
सभी पार्षदों से पूछे जाए पांच प्रमुख कार्य
बैठक में समिति अध्यक्ष ने निर्देश दिए कि सभी पार्षदों को अपने वार्ड क्षेत्र में करवाने वाले पांच प्रमुख कार्यों की सूची तैयार कर समिति को भिजवाई जाए जिसमें पनघट, हैंड पंप, सामुदायिक भवन एवं अन्य मरम्मत कार्य को प्रमुखता से लिया जाएगा।
सहायक अभियंता स्तर पर होवे ए आर सी के ठेके
निर्माण समिति बैठक में यह तय किया गया कि अब से एआरसी के ठेके सहायक अभियंता स्तर पर किया जाए। समिति ने 1 मार्च तक उदयपुर को गड्ढा मुक्त करने का लक्ष्य रखा था लेकिन निगम में केवल एक एआरसी ठेकेदार होने के कारण सभी 70 वार्डों में पेज वर्क कार्य संपूर्ण होने का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। वर्तमान समय में शहर में 70% पैच वर्क कार्य पूर्ण हो चुका है और 30% पेच वर्क कार्य प्रगति रत है इसलिए दो या तीन ठेकेदार होते तो यह कार्य तय समय में पूरा हो जाता।
समिति अध्यक्ष ने दिए निर्देश
बैठक में समिति अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों कर्मचारियों को अंतिम निर्देश देते हुए कहा कि 24 मार्च तक पूरा शहर गड्ढा मुक्त हो जाना चाहिए एवं 25 मार्च को फिर से निर्माण समिति की बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें यही मुद्दा प्रमुखता से लिया जाएगा यदि किसी अधिकारी के कार्यक्षेत्र में पेज वर्क का कार्य संपूर्ण नहीं होना पाया गया तो उसके खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। कार्य संपन्न करने की अवधि एवं भुगतान का तय हो समय। बैठक में समिति अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को आगाह किया कि टेंडर देने के पश्चात उस कार्य का समापन समय अवधि में किया जाना सुचारू हो एवं इसी के साथ साथ किए कार्य का भुगतान भी ठेकेदार को समय पर मिलना चाहिए जिससे निगम के कार्य भी समय पर हो सके। बैठक में महापौर एवं समिति अध्यक्ष ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वर्षा ऋतु आने के पहले सभी बड़े एवं छोटे नालों के मरम्मत का कार्य अथवा निर्माण का कार्य पूरा हो जावे एसी व्यवस्था लागू करनी है एवं नगर निगम के 50 कर्मचारियों को भी इस कार्य में लगवाया जाए। कार्य की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ होगी कार्रवाई। नगर निगम निर्माण समिति की बैठक में महापौर ने सख्त लहजे में कहा कि यदि किसी भी निर्माण कार्य की गुणवत्ता में कमी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी। ठेकेदार से उचित कार्य करना ही अधिकारियों का कार्य है। कोई ठेकेदार निर्धारित रेट से भी कम रेट में कार्य करता है तो यह उसका विषय है गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाना ही हमारा उद्देश्य है। हर जगह महापौर स्वयं या निर्माण समिति अध्यक्ष जाकर कार्यों का निरीक्षण नहीं कर सकते हैं इसलिए कार्य की गुणवत्ता का पूर्ण रुप से ध्यान अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ही रखना है। अधिकारी एवं कर्मचारी कार्य के प्रारंभ से ही ठेकेदार द्वारा किए जा रहे कार्य पर पकड़ रखे एवं कहीं कोई त्रुटि दिखे तो तत्काल उसका समाधान करने के निर्देश देवें । हमारी गलती के कारण नगर निगम का नाम खराब नहीं होना चाहिए ऐसी सोच मन में रखनी होगी।
निगम की लैब का हो उपयोग
बैठक में महापौर ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देश दिए कि नगर निगम में कार्य की गुणवत्ता जांच को लेकर एक लैब भी विद्यमान है। इस लैब की का पूरा उपयोग किया जाए । चल रहे कार्यों की जांच एवं टेस्टिंग निगम की लैब में ही किया जाना सुनिश्चित करवाया जाए। बैठक में महापौर गोविंद सिंह टाक, समिति सदस्य, नगर निगम निर्माण शाखा के अधिकारी एवं कर्मचारी गण मौजूद थे।