झील प्रेमी बोले पहले भी ऐसे निर्णय निरस्त किए गए थे
मुकेश हिंगड़ / उदयपुर. रविवार को झील प्रेमियों की ओर से आयोजित संवाद में तालाबों में सडक़ें बनाने को लेकर भारी विरोध जताया गया। झीलप्रेमियों ने कहा कि तालाबों के बीच से सडक़ निकालने की कोई योजना नहीं बननी चाहिए।
झील प्रेमी डा. डॉ अनिल मेहता ने कहा कि पूर्व में रूपसागर, नेला तालाब सडक़ें बनाने की नगर विकास प्रन्यास की योजनाओं का झील संरक्षण समिति ने विरोध कर उसे निरस्त कराया था। तब राजस्थान उच्च न्यायालय के दखल के बाद ये सहमति बनी थी कि तालाबो से सडक़ें नहीं निकाली जाएगी। मेहता ने कहा कि फतहसागर के पास रानी रोड को चौड़ा करने में भी 15 से 20 फीट झील में अतिक्रमण किया गया तब भी यही कहा गया था कि भविष्य में ऐसा नही होगा। उन्होंने कहा कि पिछोला झील व फूटा तालाब में सडक़ें निकालने के प्रस्तावों पर विचार करने की जरूरत ही नहीं है। गांधी मानव कल्याण समिति के निदेशक नंद किशोर शर्मा ने कहा कि झीलों में केवल चप्पू वाली नावों की ही मंजूरी होनी चाहिए। इस अवसर पर झील में श्रमदान भी किया गया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही नगर निगम की निर्माण समिति के अध्यक्ष ताराचंद जैन के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने यूआईटी सचिव को फूटा तालाब के अंदर से रोड निकालने का प्रस्ताव दे दिया था।